Short story for kids in hindi

Short story for kids in hindi | बच्चों के लिए छोटी कहानी हिंदी में  | interesting short hindi stories with moral | short story for kids.

Short story for kids in Hindi
Short story for kids in Hindi
3 Short story for kids in Hindi with moral

 सच केे सामने झूठ टिक नहीं पाया 

एक दिन एक गाय वाला अपनी गाय को लेकर जंगल की तरफ चराने जा रहा था। जंगल काफी दूर था और धूप से बुरा हाल हो रहा था। इसलिए उसने सोचा की क्यों न थोड़ी देर आराम कर लिया जाये और वह एक पेड़ के निचे आराम करने केे लिए रुक जाता है। वह गाय को पेड़ से बांध  देता है। तभी एक व्यक्ति अपनी बकरी के साथ आता है और अपनी बकरी को उसी पेड़ से बांधने लगता है। यह सब देख कर गाय का मालिक बोलता है कि ' भाई अपनी इस बकरी को इस पेड़ से मत बांधो मेरी गाय बहुत ही गुस्सेल है , यह तुम्हारी बकरी को मार डालेगी।
तभी बकरी का मालिक बोलता है "यह पेड़ केवल तुम्हारा नहीं है, मैं इसी पेड़ से ही अपनी बकरी को बाँधुगा। "

गाय का मालिक बोलता है "यदि तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो तुम खुद इसके जिम्मेदार होंगे।"   बकरी का मालिक नहीं माना और बकरी को उसी पेड़ से बांधकर चला जाता है।
 कुछ देर बाद गाय ने उस बकरी को लाते मार कर नीचे गिरा दिया। इससे पहले गाय का मालिक उसे संभाल पाता गाय ने लात मार मारकर बकरी को मार दिया।  तभी बकरी का मालिक आता है और इस घटना को देख कर चिल्लाने लगता है " अरे यह क्या तुम्हारी गाय ने मेरी बकरी को मार दिया। तुम मुझे मेरी बकरी ला कर दो, नहीं तो मैं तुम्हें यहां से नहीं जाने दूंगा।

गाय का मालिक बोलता है ,' मैंने तुम्हें पहले ही सूचित किया था कि मेरी गाय गुस्सैल है। वह तुम्हारी बकरी को मार देगी पर तुमने मेरी बात ना मानी। अब इसकी जिम्मेदारी तुम्हारी है, 
दोनों व्यक्ति बहस करने लगते हैं तभी इसी बिच  एक तीसरा व्यक्ति वहां आता है और इन दोनों को बहस करते हुए देखता है। वह इनकी समस्या को सुनता हैं ,और उन्हें पंच के पास जाने के लिए बोल देता है। दोनो न्याय पाने के लिए चल देते हैं।

पंच बकरी के मालिक से पूछते हैं की बताओ तुम्हारी बकरी कैसे मरी। बकरी का मालिक बोलता है, पंच जी मेरी बकरी और इनकी गाय एक ही पेड़ से बने थे, कि अचानक इसकी गाय पागल हो गई और उसने मेरी बकरी को मार दिया।

पंच ने गाय के मालिक से पूछा क्या, ' क्या तुम्हारी गाय ने ही इसकी बकरी को मारा है,  बताओ! तुम बोल क्यों नहीं रहे हो। क्या यह सच है।बार बार पूछने पर भी गाय के मालिक ने कुछ जवाब नहीं दिया। पंच "बोले क्या तुम  गूंगे बहरे हो ?
 क्या तुम बोल नहीं पाते हो ?

फिर बकरी का मालिक अचानक बोला , पंच जी यह व्यक्ति को  गूंगा बहरा नहीं है। पहले तो यह मुझसे चीख चीख कर बोल रहा था, कि अपनी बकरी को इधर मत बांधो मेरी गाय इसको मार देगी। यह सब सुनकर गाय का मालिक बोला पंच जी क्षमा करें यह व्यक्ति बार-बार झूठ बोल रहा था , मैंने चुप रहने का नाटक किया जिससे यह अपने मुँह से सच्चाई  बोल दे और इसने ऐसा ही किया। यह सुनकर पंच मुस्कुराने लगे और बोले इसका मतलब इसने पहले तुम्हें सावधान किया था। पर तुमने इसकी बात नहीं मानी और फिर भी अपनी मनमानी की। तुम्हारा झूठ पकड़ा गया अब तुम ही इसके खुद जिम्मेदार हो।

Moral Of The Story – 

झूठ नहीं बोलना चाहियें। झूठ को कितना भी छुपा लें सच सामने आ ही जाता है और झूठ पकड़ा जाता है।


3 Short story for kids in Hindi with moral

 चमत्कारी बच्चे और दर्जी की कहानी 
Short story for kids in Hindi
Short story for kids in Hindi


एक  गांव में एक गरीब दर्जी रहता था। कुछ दिनों से वह काफी गरीबी से होकर गुजर रहा था,  उसके पास कपड़ा खरीदने के भी पैसे नहीं थे, ताकि वह उसे सील कर बेच सकें। उसके पास केवल 1 जोड़ी कपड़े सिलने का ही कपड़ा बचा था। वह दर्जी और उसकी पत्नी बहुत चिंतित थे क्योंकि उनके पास कपड़े सिलने का ही एकमात्र रोजगार का साधन था।  हर दिन की तरह उस दिन भी दर्जी आखिरी कपड़े के टुकड़े की कटाई करके अपने घर लौट आता है। उसने सोचा की अगले दिन सुबह वह कपड़ा बनाकर उसे बाजार में बेच देगा।

अगले दिन जब वह दर्जी अपनी दुकान पर पहुंचता है। तो वह देखता है, कि कपड़े बनाने की टेबल पर एक जोड़ी सुंदर कपड़े रखे हुए हैं। कपड़े इतने सुंदर तरीके से सीले गए थे कि उस  दर्जी को भी अच्छे से सिलना नहीं आता था।

 दर्जी बहुत खुश होता है और उन कपड़ों को वह बाजार में बेचकर अच्छा पैसा कमा लेता है। उन पैसों में से कुछ पैसों का घर के लिए राशन खरीद लेता है और बाकी पैसों का वह कपड़ा खरीद लेता है । फिर पिछले दिन की तरह ही दर्जी कपड़े को सिलने के लिए कपड़ा काटकर  टेबल पर रख कर आ जाता है।

 अगले दिन सुबह जब वह दर्जी दोबारा अपनी दुकान पर पहुंचता है। तो वह देखता है, कि टेबल पर एक जोड़ी सुंदर कपड़े सिले हुए रखे हुए हैं।  दर्जी ने दोबारा उन सुंदर कपड़ों को बाजार में बेचा और उनके बदले कुछ राशन खरीदा और बाकी पैसों का कपड़ा खरीद लिया। इस प्रकार प्रतिदिन  दर्जी रात को दुकान मे कपड़ा काटकर चला जाता और रात को कोई आकर उनके लिए सुंदर कपड़े सील कर चला जाता। समय बीतता गया और दर्जी की जीवन में सुधार आने लगा वह कुछ दिनों में अमीर बन गया। लेकिन तब भी दर्जी और उसकी पत्नी हमेशा यह सोचते रहते हैं की आखिरकार  कौन हमारी मदद करता है ? 

उस दिन दर्जी और उसकी पत्नी ने रात को दुकान में छुपकर उस व्यक्ति को देखने की योजना बनाई जो उनकी मदद करता है। रात होने के बाद दर्जी और उसकी पत्नी दुकान में छुप गए।  उन्होंने देखा कि आधी रात को एक छोटा सा बच्चा खिड़की से कूदकर आया और हंसते खेलते हुए कपड़े को सिलने का काम शुरू कर दिया। और सुंदर कपड़े सिल कर वह हंसते खेलते हुए वापस चला गया ।
जब वह चला गया तब दर्जी और उसकी पत्नी बाहर निकले और उन्होंने दिल ही दिल में उसका  शुक्रिया किया। दिवाली का त्यौहार पास आ रहा था। दर्जी ने उसकी पत्नी से कहा - अजी सुनती हो वह हमारे लिए कितनी मदद करता है क्यों ना हम भी उसकी कुछ मदद करें ?  यह सब सुनकर दर्जी की पत्नी स्वादिष्ट पकवान बनाती है और दर्जी अच्छे कपड़े सिलता है और बाजार से जूते भी खरीद कर लाता है।

अगले दिन दिवाली की रात थी और वह बच्चा रोज की तरह उस दिन भी आता है, लेकिन वह उस दिन टेबल पर कुछ पकवान ,कपड़े और सुंदर जुते रखे हुए देखता है। जब उसने यह देखा तो वह बहुत खुश हुआ और उसने कपड़े जूते को पहना और स्वादिष्ट पकवान को खाकर वापस चला गया।
 फिर वह कभी भी दर्जी की दुकान पर नहीं आया परंतु दर्जी दुखी नहीं  हुआ क्योंकि उस चमत्कारी बच्चे ने उसके लिए बहुत कुछ किया और अब दर्जी भी सक्षम और अमीर बन चुका था कि वह अच्छे से अच्छे कपड़े सिल सकता था ।

 Moral Of The Story – 

जो  कोई भी आपकी मदद करें उसे शुक्रिया करने के लिए आप जो कर सके करें ।

 जो भी आपके सपने हो, कड़ी मेहनत आपके सपनो को पूरा करने में मदद करता है।

मेहनत करने वाले व्यक्ति की मदद हमेशा भगवान करते हैं।


3 Short story for kids in Hindi with moral

  कुत्ते केे पिल्लै बच गये
Short story for kids in Hindi
Short story for kids in Hindi

 राम-श्याम दो थे भाई आपस में करते थे लड़ाई ,फिर करते थे साथ में पढ़ाई ! एक दिन दोनों अपने घर के पास वाले पेड़ के नीचे खेल रहे थे। तभी उन्हें कुत्ते केे बच्चों की रोने की आवाज़ आई ।
उन्होंने देखा की कुत्ते केे बच्चे एक गहरे गढ्ढे में गिर गये है और इनकी माँ भी आस पास नही है। वह दोनों भाई तुरंत अपने पापा को बुला कर लाते है और जब राम स्याम केे पापा उन कुत्ते केे बच्चों को गढ्ढे में देखते है, तो उन्हें बाहर निकालते है। और वह कुत्ते केे बच्चे भूखे भी थे तो राम और स्याम को उन कुत्ते  के बच्चों के लिए रोटी लाने केे लिए बोलते है। यह सुनकर राम स्याम तुरंत दोड कर घर में से रोटी ले आते है। और बच्चों को खिला देते है।
अब उन बच्चों की भूख शांत हो गयी थी , अब वह खेलने लगे थे और उन्हें खेलता देख राम और स्याम भी बहुत खुश हो गये थे, और बोल रहे थे की बच्चे बच गये बच्चे बच गये ।
पापा ने भी राम स्याम को शाबाशी दी ।

Moral Of The Story – 

  1. दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।

Comments

  1. Tq bhai comment krne k liye
    Aap chahe toh direct do follow link mil sakti hai badle mai aapko bhi do follow link deni hogi

    ReplyDelete

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